ग्राम पंचायतों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के लिए पंचायती राज विभाग ने चलाया अभियान
529 गांव बनेंगे मॉडल, गंदगी मुक्त होंगे
ग्राम पंचायतों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के लिए पंचायती राज विभाग ने जिले के 529 गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने के लिए चयन कर लिया है। इन गांवों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी घरों को शौचालय मुहैया कराने के बाद अब शासन ने दूसरी पहल शुरू कर दी है। योजना के तहत जिले के सभी गांवों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने की कोशिश शुरू कर दी गई है। इसके पहले चरण में स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 के तहत जिले के नौ विकास खंडों के 28 गांवों को ओडीएफ प्लस में शामिल करते हुए मॉडल गांव के रूप में विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया था। जिसमें काम भी तेजी से चल रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी अवनीश श्रीवास्तव ने बताया है कि गांवों का चयन करने के बाद पूरी तरह से स्वच्छ व गंदगी मुक्त बनाने के लिए बिंदुवार तैयार कार्ययोजना तैयार कर ग्राम पंचायत स्वच्छता प्लान के तहत पंचायतीराज पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड किया जा चुका है। यह कार्य 70 प्रतिशत स्वच्छ भारत मिशन और 30 प्रतिशत वित्त आयोग से किया जाएगा। पहले चरण में पांच हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों का चयन किया गया था। इस बार जिले की 529 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है जिसकी आबादी पांच हजार से कम है।
- इन गांवों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार
- मॉडल गांव के चयनित प्रत्येक गांव में बनेंगे रिसोर्स रिकवरी सेंटर
चयनित मॉडल गांव में कराए जायेंगे येे कार्य: चयनित मॉडल गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन, कचरा ढोने के लिए ई-रिक्शा अथवा ट्राई साइकिल के साथ की कूड़ा संग्रहण एवं पृथक्करण केंद्र बनाए जाएंगे। केंद्र में एकत्रित कचरे से प्लास्टिक को अलग किया जाएगा। गांवों में खाद गड्ढे का निर्माण कराया जाएगा। तरह पदार्थों के लिए सोख्ता पिट का निर्माण कराया जाएगा। नालियों को एक दूसरे को जोड़ते हुए गंदे पानी को गांव के बाहर निकाला जाएगा। जहांं नाली से आने वाले गंदे पानी को शुद्ध कर उसे कृषि योग्य बनाया जाएगा। गांवों को पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त करने , ठोस व गीला कचरा निस्तारण प्रबंधन पर काम किया जाएगा। पॉलीथिन मुक्त गांव प्रबंधन और माहवारी प्रबंधन पर कार्य किया जाएगा। ऐसे गांवों में बने सामुदायिक प्रसाधन भवनों पर माहवारी प्रबंधन के तहत इंसीनिरेटर लगाया जाएगा।
प्रतिव्यक्ति 340 रुपए खर्च होंगे
जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन वीरेंद्र वर्मा ने बताया पांच हजार की आबादी वाले गांव में प्रति व्यक्ति के हिसाब से सात सौ अधिक खर्च होता है जबकि पांच हजार से कम आबादी वाले गांव में प्रति व्यक्ति के हिसाब से 340 रुपए खर्च होगा। इस बार सभी गांव पांच हजार से कम आबादी के हैं। पिछले वर्ष 28 ग्राम पंचायतों के लिए 12 करोड़ 12 लाख रुपए आए थे।
अकबरपुर विकासखंड के सर्वाधिक 97 गांव चयनित
मॉडल गांव के लिए अकबरपुर विकासखंड के 97 बसखारी के 41, भीटी के 42, भियांव के 59, जलालपुर के 77, कटेहरी के 54 जहांगीरगंज के 42 रामनगर के 56 टांडा की 61 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इनके 763 राजस्व गांव में विकास कार्य कराए जाएंगे।